इंसान में पहली बार लगाया सुअर का लिवर
जिगर के रोगियों को मिल सकता है नया जीवन
ब्रम्हपुरी/का.प्र.
चीन के डॉक्टरों ने मेडिकल क्षेत्र में चमत्कार कर दिखाया है. डॉक्टरों ने पहली बार आनुवंशिक रूप से संशोधित सुअर के लिवर (यकृत) को इंसान में प्रत्यारोपित किया. यह प्रत्यारोपण एक ब्रेन-डेड इंसान में किया गया है, जिसने भविष्य में रोगियों के लिए जीवन-रक्षक दाता विकल्प की उम्मीदें बढ़ा दी हैं. पिछले कुछ वर्षों में सुअर इंसानों के लिए सबसे अच्छे अंग दाता के रूप में सामने आए हैं. अमेरिकी डॉक्टरों ने बीते कुछ समय में डॉक्टरों ने रोगियों ने सुअर के गुर्दे और दिल प्रत्यारोपित किए हैं. सुअर के लिवर का परीक्षण इससे पहले कभी भी मानव शरीर के अंदर नहीं किया गया था. इस प्रत्यारोपण के बाद शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि जीन संशोधित सुअर गंभीर रूप से बीमार रोगियों को कम से कम अस्थायी राहत दे सकते हैं.
अध्ययन के अनुसार, १० मार्च २०२४ को एक छोटे सुअर के लिवर को ब्रेन डेड वयस्क में प्रत्यारोपित किया गया है. इस लिवर में बेहतर दाना बनाने के लिए छह जीन को संशोधित किया गया था. डॉक्टरों ने बताया कि परिवार के अनुरोध पर १० दिनों के बाद परीक्षण समाप्त कर दिया गया. इस दौरान सख्त नैतिक दिशा-निर्देशों का पालन किया गया था. डॉक्टरों ने रोगी के नाम, लिंग और अन्य विवरण का खुलासा नहीं किया था. अध्ययन के अनुसार, इस दौरान रोगी का मूल लिवर मौजूद था और इस तरह के प्रत्यारोपण को सहायक ट्रांसप्लांट कहा जाता है. डॉक्टरों ने उम्मीद जताई है कि इस तरह का प्रत्यारोपण मानव दाता की प्रतीक्षा कर रहे बीमार लोगों के मौजूदा लिवर को सहारा देने के लिए पुल अंग के रूप में काम कर सकता है. १० दिनों में डॉक्टरों ने लिवर के रक्त प्रवाह, पित्त बनाने, प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और अन्य प्रमुख कार्यों की निगरानी की. सुअर का लिवर 'बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा था' और 'सुचारू रूप से पित्त का उत्पादन कर रहा था.' साथ ही यह प्रमुख प्रोटीन एल्ब्यूमिन का उत्पादन भी कर रहा था.